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Nand Kishore Chaudhary
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Nand Kishore Chaudhary
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प्रत्येक काम में जुनूनियत को आधार बनायें

जब लोगों को भय द्वारा चलाया जाता है तो उनकी सोच में केवल मुसीबत में ना आना होता है। वे अपना काम करते हैं लेकिन सिर्फ कुछ सख्त निर्देशन और अवास्तविक मानकों को पूरा करने के लिए।

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Nand Kishore Chaudhary

डर लोगों के लिए एक बड़ा प्रेरक हो सकता है। क्योंकि जब आप डरते हैं, तब आप वह सब कुछ करना चाहते हैं जो आप कर सकते हैं ताकि अंत में अनुचित आलोचना या दंड न मिले । प्रबंधन की यह शैली काम तो कर सकती है लेकिन यह स्थायी रूप से सुचारु व्यवस्था नहीं हो सकती क्योंकि इससे नुकसान हो सकता है।

जब लोगों को भय द्वारा प्रेरित किया जाता है तो उनकी सोच में केवल मुसीबत में ना आना होता है। वे अपना काम करते हैं लेकिन सिर्फ कुछ सख्त निर्देशन और अवास्तविक मानकों को पूरा करने के लिए। भय, व्यक्ति की सोच को सीमित करता है क्योंकि इस प्रक्रिया से कर्मचारी केवल अपने मालिक को खुश करना चाहते हैं।

दूसरी ओर, जब कर्मचारी का सम्मान किया जाता है और उन्हें एक निश्चित स्वतंत्रता दी जाती है, तो उनकी प्रेरणा, काम करने का तरीका स्वाभाविक  रूप से बदल जाता है। और अब, वे काम इसलिए करते हैं क्योंकि वे चाहते हैं। वे संगठन और समग्र मिशन में योगदान करने के लिए प्रेरित होते हैं। वे नेकी की खातिर अच्छा काम करते हैं।

ऐसे वातावरण में, कर्मचारी फलते-फूलते हैं और क्योंकि वे भरोसेमंद और सम्मानित महसूस कर रहे होते हैं। वे अनावश्यक प्रतिबंधों से बोझ महसूस नहीं करते। कर्मचारी अधिक रचनात्मक हैं क्योंकि वे स्वतंत्र रूप से एक दूसरे के साथ सहयोग में काम कर सकते हैं और ऐसे में वो कुछ अलग हट कर विचार उत्पन्न कर सकते हैं क्योंकि आमतौर ये  विचार एक भय-आधारित वातावरण में दमन का शिकार हो सकते हैं।

जब हम जयपुर रग्स में लोगों की नियुक्ति करते हैं, तो उसमें हम एक सबसे महत्वपूर्ण विशेषता जो देखते हैं वो है व्यक्तियों में ज्ञान प्राप्ति की प्यास और अपने ज्ञान का विस्तार करने की इच्छा है।ऐसा कोई जिसमें कुछ इस  प्रकार की विनम्रता हो जो स्वीकार करें कि वे सब कुछ नहीं जनता, जो उन्हें ग्रहणशील हो और जो विभिन्न परिस्थितियों के अनुकूल होने में सक्षम हो ।

एक संगठन की संस्कृति सबसे लम्बे समय तक चलने वाले सफलता में से एक सबसे महत्वपूर्ण कारक है। यही कारण है कि जयपुर रग्स के नए कर्मचारी कई शिक्षण और विकास कार्यक्रमों में सम्मिलित हैं। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण है सेंसिंग जर्नी, जहां नए कर्मचारियों को उस ग्रामीण परिवेश में  ले जाया जाता है, जहां हमारे कालीन बनाए जाते हैं। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि यह नए कर्मचारियों को हमारे परिवार के सबसे महत्वपूर्ण सदस्य- बुनकरों के साथ निकटता से बातचीत करने और उनसे जुड़ने का मौका देता है।

कई फ्रंट-ऑफिस के कर्मचारी कभी भी गाँव में नहीं गए हैं, इसलिए सेंसिंग जर्नी उनके लिए सही मौका है कि वे देखें कि हमारे कारीगरों की जीवन शैली कैसी है और उनके काम करने का क्या तौर तरीका हैं। इसकी पूरी समझ हासिल करने से, कर्मचारियों को कारीगरों से बेहतर संबंध बनाने और  उन्हें समझने का अवसर मिलता है और जिससे परिणामस्वरूप, भावनात्मक बुद्धिमत्ता को विकसित करते हुए कर्मचारी कंपनी की समग्र संस्कृति से गहरा संबंध बनाता है।

नए कर्मचारी जयपुर रग्स के उद्देश्य, विज़न और मिशन के साथ-साथ मुख्य मूल्यों के बारे में भी सीखते हैं। और ये प्रक्रिया लोगो को संगठन के साथ अपने काम, उद्देश्य और नजरिये के प्रति जुड़े रहने की अनुमति देता है।

हम कुछ प्रशिक्षण थ्योरी यू के सिद्धांतों पर प्रदान करते हैं उन कर्मचारियों के लिए जिनके पास नेतृत्व की अच्छी क्षमता है ,जो कंपनी प्रबंधन का मूल दर्शन है और जिसके जरिये  हम समानुभूति की भावना का वातावरण बनाये रख सकते हैं। यह एक महत्वपूर्ण पहल है क्योंकि हमारी संस्कृति के मूल में करुणा और प्रेम है जो समानुभूति के बिना संभव नहीं है।

कार्यालय के कर्मचारियों और ग्रामीण कारीगरों दोनों को एक दूसरे के सामने अपने विचारों को रखने और एक दूसरे के साथ अधिक शामिल होने का अवसर दिया जाता है।  जिसका लक्ष्य है आत्म-प्रबंधन की प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना। यह कर्मचारी को आत्मसम्मान और विश्वास की भावना देता है ताकि वे अपने लक्ष्यों को तेजी से प्राप्त कर सकें, समय का बेहतर प्रबंधन कर सकें और काम को अधिक से अधिक कुशलता के साथ कर सकें।

जब कर्मचारियों को डर के बजाय प्रेरणा के रूप में प्यार से काम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, तो उन्हें हम नई ऊंचाइयों तक पहुंचने की क्षमता देते हैं। वे काम करना चाहेंगे यह महसूस करने के बजाय कि उन्हें काम करना चाहिए। फिर वह रचनात्मकता जो भय से नष्ट हो जाती है उसमे जागृत, नवीनीकृत और एक ताज़ापन आ जाता है।

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